अजमेर/बिजयनगर : राजस्थान के बिजयनगर कस्बे में सामने आए बहुचर्चित रेप और ब्लैकमेल कांड में एक और बड़ा अपडेट सामने आया है। इस केस के मुख्य आरोपी दीपक चौधरी की अग्रिम जमानत अर्जी को पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 ने खारिज कर दिया है। दीपक चौधरी इस पूरे मामले में फरार चल रहा है और पुलिस अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि आरोपी दीपक चौधरी, जो बिजयनगर में एक कैफे संचालित करता है, ने अपने स्थान का दुरुपयोग करते हुए नाबालिग छात्राओं से रेप और ब्लैकमेलिंग में मदद की। आरोपी ने महज 200 रुपये में कैफे की जगह उपलब्ध कराई, जहां यह घिनौना अपराध अंजाम दिया गया।
अदालत ने इस मामले को गंभीर अपराध मानते हुए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
इस मामले में पुलिस ने अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 11 आरोपी न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जा चुके हैं, जबकि 5 नाबालिगों को बाल संप्रेषण गृह में भेजा गया है।
मुख्य आरोपी दीपक चौधरी की तलाश में पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।
इस केस का खुलासा तब हुआ जब एक नाबालिग छात्रा ने 15 फरवरी को बिजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद कई और लड़कियों और उनके परिजनों ने सामने आकर एफआईआर दर्ज कराई।
मामले में लगे आरोप हैं:
नाबालिग छात्राओं से रेप
अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल
जबरन धर्मांतरण की कोशिश
घटना के बाद पूरे जिले में जन आक्रोश देखने को मिला। कई स्थानीय वकीलों ने मौखिक रूप से कहा कि वे आरोपियों की पैरवी नहीं करेंगे। हालांकि, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक रावत ने साफ किया कि इस संबंध में कोई लिखित निर्देश जारी नहीं किया गया है।
फिलहाल इस मामले की जांच एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) कर रही है, जिसकी निगरानी आईपीएस अधिकारी अभिषेक अंदासु कर रहे हैं। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही फरार मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
बिजयनगर रेप-ब्लैकमेल कांड ने ना केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। आरोपी चाहे कितने भी ताकतवर हों, कानून की पकड़ से बच नहीं सकते। कोर्ट का अग्रिम जमानत याचिका खारिज करना इस बात का संकेत है कि न्याय व्यवस्था इस गंभीर मामले में कोई नरमी नहीं बरतने वाली।
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