अजमेर : राजस्थान की अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में सुरक्षा को धता बताकर गैंगस्टरों तक मोबाइल सिम कार्ड पहुंचाने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। जेल प्रहरी छोटाराम विश्नोई को राज्य सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रहरी पर आरोप था कि वह सिम कार्ड छुपाकर जेल के भीतर ले जाता था और इसके बदले उसे मोटी रकम दी जाती थी।
जेल प्रशासन को काफी समय से संदेह था कि कुछ प्रहरी जेल के अंदर गैंगस्टरों की मदद कर रहे हैं। इसी सिलसिले में 24 फरवरी 2025 को जेल प्रहरी छोटाराम को रंगे हाथों पकड़ा गया।
वह अपनी ड्यूटी पर शाम 6 बजे से रात 2 बजे तक तैनात था।
इस दौरान आरएसी कांस्टेबल अमरचंद द्वारा की गई तलाशी में उसकी वर्दी पर लगे व्हिसिल में काली टेप से लपेटे हुए तीन सिम कार्ड बरामद हुए।
इनमें दो सिम जियो और एक एयरटेल कंपनी का था।
तत्कालीन कार्रवाई में:
24 फरवरी को ही सिविल लाइन थाने, अजमेर में प्राथमिकी दर्ज की गई।
प्रहरी छोटाराम को राजस्थान कारागार संशोधन अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
27 फरवरी को उसे निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई।
जांच में सामने आया कि छोटाराम की संलिप्तता गैंगस्टरों की मदद करने में स्पष्ट थी।
उप महानिरीक्षक (कारागार रेंज जोधपुर) दिनेश कुमार मीणा ने पूरे मामले की गहन जांच के बाद शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए छोटाराम विश्नोई (बेल्ट नंबर 5093) को राज्य सेवा से पूर्ण रूप से बर्खास्त कर दिया।
डीआईजी मीणा के अनुसार,
“हाई सिक्योरिटी जेल में इस तरह की गतिविधि जेल की संपूर्ण प्रणाली को खतरे में डाल सकती है। इसलिए सख्त कार्रवाई ज़रूरी थी।”
राजस्थान की जेल व्यवस्था को लेकर उठ रहे सवालों के बीच यह कार्रवाई सख्त और ज़रूरी संदेश देती है। जेल के भीतर से सीएम और डिप्टी सीएम को मिली धमकियों के बाद जेल प्रशासन अब जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपना रहा है।
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