जोधपुर : जोधपुर जिले के ग्राम पंचायत पाल के अंतर्गत आने वाले राजस्व गांव पाल पूर्व को नगर निगम की सीमा में शामिल किए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा है।
शुक्रवार को ग्रामीणों ने थोरियों की ढाणी गेट के सामने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के इस निर्णय को जनविरोधी बताया।
पाल बालाजी मंदिर के सामने स्थित थोरियों की ढाणी गेट पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने एकत्र होकर नगर निगम में शामिल करने की योजना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर रोड पर प्रदर्शन किया और स्थानीय प्रशासन से मांग की कि पाल गांव को ग्राम पंचायत में ही रहने दिया जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि पाल गांव को नगर निगम में शामिल किया गया तो उन्हें न सिर्फ अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा, बल्कि ग्राम पंचायत के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाएं भी बंद हो जाएंगी।
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि
"नगर निगम में शामिल करने से विकास नहीं, बल्कि परेशानियां बढ़ेंगी। गाँव का मूल स्वरूप खत्म हो जाएगा और लोग सरकारी बोझ के नीचे दब जाएंगे।"
प्रदर्शन में शामिल कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी ग्रामीणों की मांग को जायज बताया।
उन्होंने कहा कि
"बिना ग्रामीणों की सहमति के, इस तरह ग्राम पंचायत क्षेत्र को नगर निगम में मिलाना लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है।"
फिलहाल प्रशासन की ओर से इस प्रस्ताव को लेकर कोई अंतिम निर्णय सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन प्रारंभिक चरण में रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि कौन-कौन से गांवों को नगर निगम की सीमा में शामिल किया जा सकता है।
पाल गांव के लोगों ने इस प्रस्ताव को खारिज करने की मांग के साथ ज्ञापन भी सौंपने की तैयारी की है।
पाल गांव के ग्रामीणों ने एकजुट होकर नगर निगम में शामिल किए जाने के फैसले का विरोध कर दिया है।
टायर जलाकर, नारेबाजी कर और सड़क पर प्रदर्शन कर उन्होंने यह साफ कर दिया कि वे ग्राम पंचायत की सीमाओं से बाहर नहीं जाना चाहते।
अब देखना होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की आवाज़ सुनेगा या प्रस्ताव को आगे बढ़ाएगा।
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