जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में निर्माणाधीन इमरजेंसी बिल्डिंग को लेकर विवाद ने जोर पकड़ लिया है। अस्पताल के मेडिकल स्टाफ और इंजीनियरिंग विभाग के बीच इस प्रोजेक्ट की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
जानकारी के अनुसार, अस्पताल प्रशासन ने पहले इमरजेंसी बिल्डिंग के लिए करीब 10 फीट गहरी खुदाई कर एक बेसमेंट एरिया तैयार किया था। लेकिन अब उसी बेसमेंट को मिट्टी से भरकर ऊपर 9 फीट ऊंचाई तक प्लेटफार्म बनाया जा रहा है। इस निर्माण कार्य को देखकर इमरजेंसी डिपार्टमेंट के इंचार्ज ने आपत्ति जताई और अधिकारियों से कार्य की स्पष्टता मांगी।
विवाद की जड़ यह है कि पहले खुदाई कर बेसमेंट तैयार किया गया, जिससे भवन की मजबूती और कार्यक्षमता में इज़ाफा हो सके। लेकिन अब उसी जगह मिट्टी भरकर ज़मीन की सतह से ऊपर तक प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है, जिससे न केवल निर्माण की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं, बल्कि आने वाले समय में मरीजों और स्टाफ को भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बेसमेंट की जगह मिट्टी भर दी जाती है तो इससे वेंटिलेशन, स्टोरेज और पार्किंग जैसी सुविधाओं पर भी असर पड़ेगा। वहीं, भवन की नींव कमजोर होने का खतरा भी बढ़ सकता है।
निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरिंग विभाग के अनुसार, बदलाव तकनीकी कारणों और सुरक्षा जरूरतों के तहत किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि नए डिजाइन के अनुसार यह बदलाव अस्थायी है और अंतिम नक्शा शासन स्तर पर अनुमोदित किया गया है।
SMS अस्पताल के कई सीनियर डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि ऐसी अर्द्ध-निर्मित योजनाएं न केवल संसाधनों की बर्बादी हैं बल्कि यह मरीजों की सुविधा पर भी विपरीत असर डाल सकती हैं। अस्पताल में पहले से ही भीड़भाड़ है, ऐसे में इमरजेंसी बिल्डिंग का सही तरीके से बनना बेहद जरूरी है।
SMS अस्पताल की नई इमरजेंसी बिल्डिंग को लेकर उत्पन्न विवाद सरकार, इंजीनियरिंग विभाग और मेडिकल स्टाफ के बीच पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। यह ज़रूरी है कि ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में सभी पक्षों की सहमति से ही बदलाव किए जाएं, ताकि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
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