जयपुर: राजधानी जयपुर के बिंदायका इलाके में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक प्रोफेशनल आर्किटेक्ट और बिजनेसमैन ने अपार्टमेंट की 14वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के एक अधिकारी पर काम का पैसा ना देने का आरोप लगाया है।
यह घटना शनिवार रात जयपुर के एक पॉश अपार्टमेंट में हुई, जहां 42 वर्षीय आर्किटेक्ट ने आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके से फर्म के लेटरपेड पर लिखा गया सुसाइड नोट मिला है, जिसमें साफ लिखा है:
"मैंने इनका घर बनाया, लेकिन इन्होंने भुगतान नहीं किया। अब मैं टूट चुका हूं।"
इस नोट में RAS अधिकारी का नाम और डिटेल्स भी उल्लेखित हैं, जिन्हें पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर कब्जे में ले लिया है।
परिजनों के मुताबिक, मृतक पिछले कई महीनों से आर्थिक तनाव में था। उसने एक प्रतिष्ठित RAS अधिकारी के लिए प्राइवेट रेजिडेंस डिज़ाइन और कंस्ट्रक्ट किया था, लेकिन परियोजना पूरा होने के बाद भी भुगतान लंबित था।
फिलहाल अधिकारी की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और जल्द उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।
CCTV फुटेज में मृतक को अपार्टमेंट की ऊपरी मंजिल की ओर जाते देखा गया है।
सुसाइड नोट की लिखावट का फोरेंसिक मिलान कराया जा रहा है।
FIR दर्ज कर ली गई है और RAS अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अधिकारियों और आम जनता के बीच शक्ति संतुलन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या अफसरशाही के दवाब में आम नागरिक न्याय से वंचित हैं? क्या व्यवसायिक समझौतों को लेकर कानूनी प्रक्रिया पर्याप्त है?
एक काबिल आर्किटेक्ट का इस तरह टूट जाना ना सिर्फ एक व्यक्तिगत क्षति, बल्कि सिस्टम की असंवेदनशीलता का भी प्रतीक है। अब देखना यह है कि पुलिस जांच कितनी निष्पक्ष और तेज़ी से होती है, और क्या मृतक के परिवार को न्याय मिलेगा या नहीं।
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