जोधपुर, राजस्थान: मारवाड़ में इस समय जो गर्मी का प्रकोप है, वह लोगों के जीवन को कठिन बना रहा है। तेज धूप और तापमान के लगातार बढ़ने से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। जोधपुर प्रशासन ने शहरवासियों से दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक घर से बाहर न निकलने की अपील की है। इस बीच, इन भीषण गर्मी के बावजूद, जोधपुर के श्री औघा बाड़ा में स्थित दिगम्बर नागराजपुरी में एक संत द्वारा पंचधुनी तपस्या की जा रही है।
गर्मी में तप करने के बावजूद, श्री दिगम्बर नागराजपुरी के संत ने अग्नि तप में जुटकर अद्वितीय तपस्या का उदाहरण पेश किया है। संत के इस तपस्या के बीच उनकी दीक्षा और समर्पण ने श्रद्धालुओं को गहरी आस्था और विश्वास से भर दिया है। पंचधुनी तप वह पवित्र प्रक्रिया है जिसमें तपस्वी अपने शरीर को अग्नि की लपटों में तपाकर अपने आत्मिक बल को मजबूत करता है। संत द्वारा यह तपस्या जोधपुर और आसपास के क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है।
संत की तपस्या के प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह और समर्थन बढ़ता जा रहा है। उनकी तपस्या को देखकर क्षेत्र के लोगों ने आस्था और श्रद्धा के साथ समर्थन दिया है, और हर दिन पंचधुनी तप के दौरान श्रद्धालु संत के पास पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं। स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं का मानना है कि इस तपस्या से क्षेत्र की समृद्धि और भलाई की कामना पूरी होगी।
गर्मी के इस भीषण दौर में जब सूरज की किरणों से आसमान तप रहा है, ऐसे में संत का इस कठिन तपस्या में संलग्न होना एक अनुकरणीय प्रयास है। जोधपुर के लोग जहां धूप से बचने के उपाय तलाशते हैं, वहीं इस संत का तपस्या करना उन्हें मानसिक और आत्मिक शांति की दिशा में मार्गदर्शन देता है। इस तपस्या के दौरान संत ने लोगों को संयम और आत्मविश्वास के साथ जीवन जीने का संदेश भी दिया है।
गर्मी के इस प्रचंड दौर में, जहां हर किसी के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, वही जोधपुर के श्री दिगम्बर नागराजपुरी के संत द्वारा की जा रही पंचधुनी तपस्या एक अद्वितीय उदाहरण पेश कर रही है। यह तपस्या न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह उन सभी श्रद्धालुओं को जीवन में संयम, समर्पण और आस्था का पाठ पढ़ा रही है। संत का यह तप और उनकी दीक्षा जोधपुर के लोगों के बीच एक नया उत्साह और विश्वास पैदा कर रहा है।
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