भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) : ने देशभर में दलित समुदाय तक अपनी पहुंच मजबूत करने के उद्देश्य से "अम्बेडकर सम्मान अभियान" शुरू किया है। यह अभियान डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) से शुरू होकर 25 अप्रैल तक चलेगा।
क्या है अम्बेडकर सम्मान अभियान?
यह अभियान भाजपा द्वारा चलाया जा रहा एक राजनीतिक संपर्क अभियान है, जिसके तहत पार्टी देशभर में दलित समुदाय के सवा लाख से अधिक लोगों से सीधा संपर्क स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। अभियान के माध्यम से दलितों को पार्टी की विचारधारा और योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
हर जिले में पदाधिकारियों को दिया गया टारगेट
पार्टी सूत्रों के अनुसार, हर जिले के भाजपा पदाधिकारियों को टारगेट सौंपा गया है, जिसमें उन्हें अपने क्षेत्र में रहने वाले दलित समाज के लोगों से संपर्क करना है। इस दौरान अंबेडकर के विचारों और भाजपा द्वारा उनके सम्मान में किए गए कार्यों को प्रचारित किया जा रहा है।
पार्टी की रणनीति के पीछे मकसद
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अभियान भाजपा की 2025 और भविष्य के चुनावों के लिए वोटबैंक को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। खासतौर पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दलित समाज पर पकड़ बनाने के लिए यह अभियान एक प्रभावी चुनावी टूल बन सकता है।
अभियान के मुख्य बिंदु:
डॉ. अंबेडकर की विचारधारा और संविधान निर्माण में योगदान को प्रमुखता देना
बीजेपी द्वारा चलाए गए सामाजिक और आर्थिक विकास कार्यक्रमों की जानकारी देना
दलित समाज के लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलवाना
जमीनी स्तर पर सामाजिक समरसता बढ़ाने की पहल
निष्कर्ष:
अम्बेडकर सम्मान अभियान भाजपा की सामाजिक समीकरणों को साधने की एक महत्वाकांक्षी पहल मानी जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह संपर्क और विचारधारा का प्रयास कितनी गहराई तक असर डालता है और आगामी चुनावों में इसका क्या राजनीतिक लाभ सामने आता है।
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