UPSC CSE Result 2024: कोचिंग सिटी कोटा की अनुश्री का कमाल, बिना कोचिंग किए हुईं कामयाब

कोटा, राजस्थान : कोचिंग हब के रूप में देशभर में मशहूर कोटा शहर इस बार UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में भी चर्चा में है। यहां की अनुश्री सचान ने बिना कोचिंग के, अपने चौथे प्रयास में, देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाने वाली यूपीएससी में 220वीं रैंक हासिल कर मिसाल कायम की है।


IIT बॉम्बे से पढ़ाई, लेकिन दिल में थी सेवा की चाह

अनुश्री ने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली अनुश्री के पिता सुशील सचान, BSNL में कार्यरत हैं और 2015 में उनका ट्रांसफर कोटा हो गया था।

2020 में उन्हें जर्मनी में रिसर्च के लिए स्कॉलरशिप मिली थी लेकिन कोविड महामारी के चलते यात्रा संभव नहीं हो सकी। इसी दौरान उन्होंने सिविल सेवा में जाने का फैसला किया और तैयारी शुरू की।


कोविड में घर पर रहकर की तैयारी, तीन बार मिली असफलता

अनुश्री ने कहा,

"जर्मनी नहीं जा पाने के बाद मैंने एक ज़िद ठान ली थी कि अब UPSC ही करना है। कोरोना काल में यही सबसे अच्छा मौका था जब घर पर रहकर पूरी फोकस से पढ़ा जा सकता था।"
उन्होंने पहले तीन प्रयासों में सफलता नहीं पाई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में इतिहास रच दिया।


कोई फुल टाइम कोचिंग नहीं ली, सिर्फ इंटरव्यू के लिए गाइडेंस

"JEE के समय मैंने कोचिंग ली थी, लेकिन UPSC एक अलग तरह की परीक्षा है। इसमें एक ही किताब को बार-बार पढ़ना होता है। इसलिए मैंने खुद पर भरोसा किया और बिना कोचिंग तैयारी की," अनुश्री ने बताया।

हालांकि, इंटरव्यू के लिए उन्होंने कुछ गाइडेंस लिया। इसके अलावा, IIT बॉम्बे के सीनियर्स ने उन्हें मार्गदर्शन दिया।

 

अनुश्री की सफलता से कोटा को गर्व

कोटा को आमतौर पर इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए जाना जाता है, लेकिन अनुश्री की सफलता ने यह साबित कर दिया कि कोटा अब UPSC में भी एक नाम बन रहा है।


पिता बोले - हमने कभी दबाव नहीं डाला

अनुश्री के पिता सुशील सचान ने बेटी की सफलता पर कहा,

"हमने उससे कभी यह नहीं कहा कि नौकरी करनी है। हमने कहा कि जब तक पढ़ना चाहो, पढ़ो। यही उसका हौसला बना।"

उनकी माँ ने कहा कि

"बच्चों की पढ़ाई में सिर्फ नंबर नहीं, समय देना और समर्थन देना भी ज़रूरी होता है।"


अब मिल सकती है IPS या IRS की ज़िम्मेदारी

220वीं रैंक के आधार पर अनुश्री को IPS (भारतीय पुलिस सेवा) या IRS (भारतीय राजस्व सेवा) में नियुक्ति मिल सकती है। उनकी सफलता देश भर की बेटियों और आत्मनिर्भर बनने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।


निष्कर्ष:

अनुश्री की कहानी बताती है कि संसाधनों की कमी सफलता में रुकावट नहीं बनती, अगर हौसला मजबूत हो। बिना कोचिंग, असफलताओं के बाद भी डटे रहना और अंत में UPSC जैसे कठिन एग्जाम में रैंक लाना—यह हर युवा को सिखाता है कि "सपने अकेले भी पूरे किए जा सकते हैं, बस मेहनत और जिद होनी चाहिए।"

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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