REET Paper Leak Case: मुख्य सरगना रामकृपाल मीणा की ₹1.23 करोड़ की संपत्ति ED ने की सील, 1.3 हेक्टेयर जमीन जब्त

जयपुर :
राजस्थान में रीट पेपर लीक मामले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती नजर आ रही है। मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले के मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा की लगभग ₹1.23 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर जब्त कर लिया है।

ने यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की है। जब्त की गई संपत्ति में मीणा के गांव स्थित 1.3 हेक्टेयर कृषि भूमि शामिल है, जिसकी कीमत डिस्ट्रिक्ट लैंड कन्वर्जन (DLC) रेट के अनुसार 1.23 करोड़ रुपये आंकी गई है।


क्या है मामला?

रीट यानी राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन 26 सितंबर 2021 को हुआ था। इस परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र अभ्यर्थियों तक पहुंचा दिया गया था, जिससे हजारों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ।

जांच में सामने आया कि रामकृपाल मीणा, जो एक प्रभावशाली नेटवर्क का हिस्सा था, ने करोड़ों रुपये लेकर पेपर लीक करवाया और अभ्यर्थियों को बेच दिया। यह स्कैंडल सामने आने के बाद राजस्थान सरकार पर भारी दबाव बना और मामला ED तक पहुंचा।


ED ने कैसे की कार्रवाई?

प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान पुलिस और एसओजी की रिपोर्ट्स के आधार पर अपनी जांच आगे बढ़ाई। जांच में पाया गया कि मीणा ने अवैध तरीके से अर्जित पैसों से संपत्ति खरीदी, जिसे अब जब्त कर लिया गया है।

ED की रिपोर्ट में कहा गया है कि,

“रामकृपाल मीणा ने परीक्षा के दौरान भारी मात्रा में नगदी का लेन-देन किया और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए संपत्ति बनाई।”


अब तक की कार्यवाही:

  • ED ने कुल ₹1.23 करोड़ की संपत्ति जब्त की।

  • 1.3 हेक्टेयर जमीन ED के कब्जे में गई।

  • कई बैंक खातों और लेन-देन की भी जांच चल रही है।

  • जल्द ही अन्य संपत्तियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।


भविष्य की दिशा:

REET पेपर लीक मामले को लेकर ED और राजस्थान पुलिस की संयुक्त कार्रवाई अभी जारी है। अधिकारियों का मानना है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी पहचान जल्द की जाएगी।


जनता में आक्रोश:

इस पेपर लीक ने लाखों छात्रों की मेहनत पर पानी फेर दिया। अब जब ED ने बड़ा कदम उठाया है, तो छात्रों और उनके परिवारों में उम्मीद जागी है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी।


निष्कर्ष:

रीट पेपर लीक केस में ED की कार्रवाई यह संकेत देती है कि सरकार अब परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने को तैयार है। इस तरह की कार्रवाइयों से ही शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वास बहाल किया जा सकता है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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