जयपुर, राजस्थान: पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले नीरज उधवानी के परिवार के लिए राजस्थान में सहायता की मांग तेज हो गई है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में राजस्थान सरकार से मांग की है कि नीरज उधवानी के परिवार को कम से कम 50 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए, जैसा कि उदयपुर में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया था।
गहलोत ने अपनी पोस्ट में लिखा, "हमारी सरकार के समय उदयपुर में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कन्हैयालाल साहू की हत्या की गई थी। उस समय हमनें पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और उनके दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दी थी। मैं राज्य सरकार से मांग करता हूं कि नीरज उधवानी के परिजनों को भी इसी प्रकार की सहायता दी जाए।"
अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार और अन्य राज्यों की सरकारों से भी अपील की कि वे आतंकी शहादतों के परिवारों के लिए सम्मान और सहारा देने वाली नीतियां बनाएं। उनका कहना था, "आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए जान गंवाने वालों के परिवारों को सुरक्षा का भरोसा मिलना चाहिए।"
नीरज उधवानी (33) पेशे से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और दुबई में कार्यरत थे। वे अपनी पत्नी आयुषी के साथ शादी के बाद दुबई में बस गए थे। फरवरी 2023 में नीरज ने आयुषी से शादी की थी। वे जयपुर में अपने परिवार के पास एक शादी समारोह में शामिल होने आए थे, और उसी दौरान उन्होंने पहलगाम, जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था, जहां आतंकी हमले में उनकी दुखद मौत हो गई।
उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को जयपुर के झालना में किया गया। नीरज के बड़े भाई किशोर उधवानी ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दुखद घटना में नीरज की पत्नी आयुषी श्मशान घाट पर गमगीन थीं और वे अपनी भावनाओं को काबू नहीं कर पाईं।
नीरज उधवानी की मौत पर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया। वे उधवानी के घर जाकर परिजनों को ढांढस भी बंधाया।
इस दौरान एक भावुक क्षण तब आया जब वहां एक महिला ने सरकार की विफलता पर गुस्से में अपनी बात रखी। महिला ने कहा, "यह आपकी सरकार की विफलता है। अब यहां सुरक्षा लगाने का क्या मतलब है?" इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने केवल हाथ जोड़ दिए, और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
नीरज उधवानी की शहादत ने न केवल उनके परिवार को अपूरणीय क्षति दी है, बल्कि राजस्थान में भी इस घटना ने सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीतियों की आवश्यकता को रेखांकित किया है। अब देखना यह होगा कि राज्य और केंद्र सरकार उनके परिवार को किस प्रकार की सहायता प्रदान करती है और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
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