जयपुर : राजस्थान सरकार ने राज्य के नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए ई-पट्टा सुविधा शुरू कर दी है। अब राज्य के 315 शहरी निकायों में रहने वाले लोग अपनी संपत्ति का मालिकाना हक यानी पट्टा ऑनलाइन आवेदन के जरिए प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल से नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी और प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी।
ई-पट्टा के तहत आवेदन करने के बाद 30 दिन के भीतर पट्टा जारी किया जाएगा। इसके लिए नागरिकों को तय प्रक्रिया का पालन करना होगा:
ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें जैसे - पहचान पत्र, प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज, स्व-घोषणा पत्र आदि।
निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा करें।
नगर निकाय द्वारा दस्तावेजों की जांच के बाद 30 दिन के भीतर पट्टा जारी कर दिया जाएगा।
आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र
प्रॉपर्टी के स्वामित्व से जुड़े पुराने दस्तावेज
बिजली या पानी का बिल (प्रूफ ऑफ एड्रेस)
स्व-घोषणा पत्र (Self-Declaration Form)
भूखंड का नक्शा (यदि उपलब्ध हो)
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रहेगी।
किसी भी तरह की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।
नागरिकों का समय और पैसा दोनों बचेगा।
पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
हर आवेदन की ऑनलाइन ट्रैकिंग भी की जा सकेगी।
राजस्थान सरकार का यह कदम राज्य में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है। इससे न केवल जनता को सुविधा मिलेगी, बल्कि शहरी निकायों के कामकाज में भी सुधार होगा।
अब राजस्थान में प्रॉपर्टी मालिकाना हक पाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी।
ई-पट्टा योजना के तहत, घर बैठे आवेदन कर प्रॉपर्टी का पट्टा सहज और पारदर्शी तरीके से प्राप्त किया जा सकेगा, जिससे नागरिकों को सशक्त और प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है।
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