श्रीनगर : पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने छह आतंकवादियों के घरों को ब्लास्ट कर गिरा दिया। इस एक्शन का मकसद आतंकियों के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करना और इलाके में शांति बहाल करना है।
सरकार ने मीडिया को स्पष्ट निर्देश दिया है कि सेना की मूवमेंट या ऑपरेशन की लाइव कवरेज न करें, जिससे सुरक्षा रणनीतियों से कोई समझौता न हो।
आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मीडिया से अपील की है कि वे आर्मी मूवमेंट और सेंसिटिव ऑपरेशंस की लाइव रिपोर्टिंग से बचें। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ऐसी कवरेज से आतंकियों को सुरक्षाबलों की रणनीतियों का अंदाजा हो सकता है।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बयान जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान को हर बार आतंकी घटनाओं के लिए निशाना बनाना "अस्वीकार्य" है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की निष्पक्ष जांच में शामिल होने को तैयार है।
शरीफ ने कहा, "हर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर आरोप लगाने की आदत बन गई है। पाकिस्तान को बदनाम करने की साजिश अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच में सहयोग देने को पूरी तरह तैयार हैं।"
भारत में पहलगाम हमले को लेकर जनता और नेताओं के बीच भारी गुस्सा है। देशभर में आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है। सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने सीमावर्ती इलाकों में गश्त बढ़ा दी है और आतंकवादियों के संभावित ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना की आक्रामक रणनीति और पाकिस्तान की सफाई के बीच दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। आने वाले समय में इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।
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