जोधपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 में दिव्यांग अभ्यर्थी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि विशेष योग्यजन कानून के तहत जारी स्थायी विकलांगता प्रमाण पत्र को मान्य मानते हुए छह सप्ताह के भीतर अभ्यर्थी को नियुक्ति दी जाए।
विकलांगता के आधार पर चयनित अभ्यर्थी को भर्ती प्रक्रिया के दौरान दोबारा हुई शारीरिक जांच में विकलांगता का प्रतिशत अधिक आंका गया, जिससे उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जबकि अभ्यर्थी के पास पहले से मान्य स्थायी विकलांगता प्रमाण पत्र मौजूद था, जो विशेष योग्यजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जारी किया गया था।
न्यायमूर्ति ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अगर उम्मीदवार के पास वैध और आधिकारिक विकलांगता प्रमाण पत्र है तो उसे नई मेडिकल जांच के आधार पर अयोग्य ठहराना अनुचित है। कोर्ट ने भर्ती बोर्ड और संबंधित विभाग को निर्देशित किया कि वे प्रमाण पत्र को स्वीकार करते हुए छह सप्ताह के भीतर अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र जारी करें।
यह फैसला न केवल संबंधित अभ्यर्थी के लिए राहतकारी है, बल्कि दिव्यांग जनों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। कोर्ट के इस निर्णय से विशेष योग्यजन अधिनियम के अंतर्गत आने वाले अभ्यर्थियों को समान अवसर प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
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