कोटा, राजस्थान : भारत की कोचिंग राजधानी कोटा एक बार फिर छात्र आत्महत्या की खबर से दहल गया है।
सोमवार रात बिहार के कटिहार जिले से आए कोचिंग छात्र तमीम इकबाल ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह साल 2025 का 14वां छात्र सुसाइड केस बन गया है, जिसने शिक्षा व्यवस्था और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही जवाहर नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को MBS अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया।
परिजन कोटा पहुंच चुके हैं और उन्होंने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है।
बताया गया कि छात्र 15 दिन पहले ही NEET की कोचिंग के लिए कोटा आया था।
कोटा में यह आत्महत्या कोई अलग घटना नहीं है।
2025 में अब तक निम्नलिखित 14 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं:
28 अप्रैल: बिहार निवासी छात्र ने हॉस्टल में फांसी लगाई
24 अप्रैल: दिल्ली निवासी छात्र का शव रेलवे लाइन के पास मिला
22 अप्रैल: बिहार के छात्र ने फिर से फांसी लगाई
5 अप्रैल: राजस्थान की 11वीं की छात्रा ने आत्महत्या की
… (पूरी सूची ऊपर दी गई है)
1 अप्रैल 2025 से राज्य सरकार और प्रशासन ने हॉस्टल व कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइंस लागू की हैं।
इनमें प्रमुख बिंदु हैं:
रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर हेल्प डेस्क
एंटी हैंगिंग डिवाइस की उपलब्धता
कोचिंग और हॉस्टल में गेटकीपर ट्रेनिंग
छात्राओं के हॉस्टल में महिला वार्डन अनिवार्य
मेंटल हेल्थ और रिक्रिएशनल एरिया का विकास
सीसीटीवी, बायोमेट्रिक्स और नाइट अटेंडेंस की सख्ती
इसके बावजूद आत्महत्याओं की संख्या में कोई उल्लेखनीय गिरावट नहीं आई है।
हर आत्महत्या एक व्यक्तिगत त्रासदी से अधिक एक सामूहिक विफलता है — जिसमें माता-पिता, शिक्षा व्यवस्था, संस्थान और समाज सभी जिम्मेदार हैं।
क्या सिर्फ गाइडलाइंस काफी हैं? या हमें कोचिंग इंडस्ट्री के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सहयोग पर गंभीरता से ध्यान देना होगा?
कोटा में हो रही आत्महत्याएं केवल आंकड़े नहीं, बल्कि टूटती उम्मीदों और दबावों की कहानियां हैं।
सरकार और कोचिंग संस्थानों को मानसिक स्वास्थ्य पर ठोस निवेश करना होगा और अभिभावकों को भी सिर्फ रैंकिंग नहीं, संतुलित जीवन को प्राथमिकता देनी होगी।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.