जयपुर : स्थित विप्र फाउंडेशन द्वारा नव-निर्मित श्रीपरशुराम ज्ञानपीठ में सोमवार को भगवान श्रीपरशुराम की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन भव्य रूप से किया गया। इस अवसर पर संगीतमय राजोपचार पूजा का आयोजन हुआ, जिसमें राजनेताओं, समाजसेवियों और गणमान्य नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
पूजा में गूंजे मंत्र और संगीत:
पूरे कार्यक्रम के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार, भजन और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि से वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। विशेष रूप से आमंत्रित कलाकारों ने संगीतबद्ध पूजा में जान डाल दी, जिससे श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
धार्मिक अनुष्ठान और आध्यात्मिक संदेश:
प्राण प्रतिष्ठा की इस पूजा में श्रीपरशुराम जी की मूर्ति को पंचामृत स्नान, वस्त्र, पुष्प, गंध और दीप से अलंकृत किया गया। पूजा में भाग लेने वाले संतों और विद्वानों ने धर्म, संस्कृति और ब्राह्मण समाज की एकता का महत्व बताया।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति:
इस पावन अवसर पर विप्र फाउंडेशन के पदाधिकारी, प्रदेश के राजनेता, उद्योगपति, शिक्षाविद और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल को समाज में सकारात्मक चेतना जगाने वाला कदम बताया।
आयोजन की विशेष झलकियाँ:
पूजा स्थल पर भव्य सजावट और पुष्पों से बना मंच
भगवान परशुराम की कलात्मक प्रतिमा का लोकार्पण
गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन
संगीतमय पूजा में श्रद्धालुओं की सहभागिता
आयोजकों का संदेश:
विप्र फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि श्रीपरशुराम ज्ञानपीठ केवल एक धार्मिक केंद्र नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और शैक्षणिक जागरूकता का केंद्र बनेगा। “यह स्थान आने वाले समय में समाज को दिशा देने वाले विचारों का मंच बनेगा,” उन्होंने कहा।
निष्कर्ष:
श्रीपरशुराम ज्ञानपीठ में आयोजित मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव ने न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत किया, बल्कि समाज में एकता, संस्कृति और परंपरा की गहराई को भी मजबूती से प्रस्तुत किया। जयपुरवासियों के लिए यह आयोजन गौरव का विषय रहा।
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