राजस्थान : के जोधपुर जिले में नकली नोटों का कारोबार कर रही एक गैंग का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस गैंग के कब्जे से ₹7.50 लाख की फर्जी करेंसी बरामद की गई है। जानकारी के अनुसार आरोपियों ने किराए के मकान में नकली नोट छापने का पूरा सेटअप तैयार कर रखा था। पुलिस ने मौके से उच्च गुणवत्ता वाले प्रिंटर, स्कैनर, कागज और स्याही भी जब्त की है।
पुलिस कार्रवाई:
जोधपुर पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि शहर के बाहरी इलाके में कुछ संदिग्ध लोग नकली नोटों का कारोबार कर रहे हैं। सूचना के आधार पर विशेष टीम ने छापेमारी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान स्थानीय निवासी और एक बाहर से आए युवक के रूप में हुई है।
बरामद सामग्री:
₹500 और ₹200 के फर्जी नोटों की गड्डियां
नोट छापने वाला प्रिंटर और स्कैनर
नकली नोट छापने में इस्तेमाल किया गया विशेष कागज और रंग
लैपटॉप व मोबाइल जिनमें नोट डिजाइन से जुड़ा डेटा था
आरोपियों का तरीका:
आरोपी हाई-रिज़ॉल्यूशन स्कैन और डिजिटल इमेज एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से असली नोट की हूबहू कॉपी तैयार करते थे। इसके बाद इन्हें अलग-अलग जिलों में खपाने की कोशिश की जाती थी।
पुलिस का बयान:
थाना प्रभारी ने बताया, “यह संगठित अपराध का हिस्सा लग रहा है। जांच के बाद पता चलेगा कि यह गैंग और किन-किन जिलों में सक्रिय थी और कितनी फर्जी करेंसी बाजार में पहले ही खपा चुकी है।”
अगला कदम:
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 489A से 489D के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को भी जांच में शामिल किया गया है ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
निष्कर्ष:
जोधपुर में पकड़ी गई नकली करेंसी फैक्ट्री राज्य में सक्रिय अवैध आर्थिक गतिविधियों की ओर इशारा करती है। इस प्रकार की घटनाएं देश की आर्थिक स्थिरता और आम नागरिकों की सुरक्षा दोनों के लिए खतरा हैं। पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ऐसे अपराधों पर रोक के लिए तकनीकी निगरानी और सतर्कता और बढ़ाई जानी चाहिए।
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