उत्तर पश्चिम रेलवे : के जोधपुर मंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 में 3493 मैट्रिक टन स्क्रैप बेचकर 14.49 करोड़ रुपए की आमदनी की है। यह कबाड़ रेलवे स्टेशनों, यार्ड, वर्कशॉप और ट्रैक से निकाला गया, जिसका निस्तारण अभियान के तहत सुव्यवस्थित रूप से किया गया।
जोधपुर डीआरएम का बयान:
जोधपुर डिविजन के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि “कबाड़ निस्तारण का मुख्य उद्देश्य केवल आय अर्जित करना नहीं था, बल्कि रेल परिसरों को साफ और सुरक्षित बनाना भी है। इस आय का उपयोग यात्री सुविधाएं सुधारने, प्लेटफॉर्म्स की स्थिति बेहतर करने और अन्य ढांचागत विकास कार्यों में किया जाएगा।”
कबाड़ निस्तारण के फायदे:
अनुपयोगी सामग्रियों को हटाकर रेलवे परिसरों की सफाई
दुर्घटनाओं की संभावना में कमी
स्टोरेज स्पेस की बचत
रीसाइक्लिंग से पर्यावरण को लाभ
आमदनी से यात्री सेवाओं में निवेश
रेल मंत्रालय के दिशा-निर्देश अनुसार हुआ काम:
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कबाड़ की पहचान, वर्गीकरण और नीलामी की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से की गई। इससे न केवल रेलवे को आय हुई, बल्कि स्टेशनों और रेल परिसरों में जगह भी खाली हुई।
आगे की योजना:
डीआरएम त्रिपाठी के अनुसार, रेलवे भविष्य में भी इस तरह के सतत अभियान चलाता रहेगा। स्क्रैप से हुई कमाई को ट्रेनों के रखरखाव, स्टेशन के सौंदर्यीकरण, वेटिंग हॉल, वॉशरूम और डिजिटल सूचना सिस्टम जैसी सुविधाओं के विकास में लगाया जाएगा।
निष्कर्ष:
जोधपुर मंडल द्वारा किया गया यह कार्य स्वच्छता, संसाधन उपयोग और वित्तीय कुशलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। रेलवे द्वारा यह पहल न केवल राजस्व बढ़ाने का माध्यम बनी, बल्कि यात्रियों के अनुभव को भी बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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