हनुमान बेनीवाल ने सुरक्षा को लेकर जताई चिंता: "अगर मेरे ऊपर हमला होता है, तो जिम्मेदार कौन होगा?"

जयपुर : राजस्थान के नागौर से सांसद और आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। बेनीवाल का कहना है कि यदि उनके ऊपर हमला होता है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? उनका यह बयान तब आया जब इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने उन्हें जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा बढ़ाने की सिफारिश की थी।

हथियार 11 साल से थाने में जमा, सुरक्षा फिर भी अधूरी

बेनीवाल ने कहा कि एक तरफ सरकार उनके जीवन को खतरे में होने की बात कर रही है और सुरक्षा की व्यवस्था कर रही है, दूसरी तरफ उनके लाइसेंसी हथियार 11 साल से थाने में जमा हैं। उन्होंने बताया कि 2014 में एक केस के चलते उन्होंने अपनी पिस्टल और बंदूक थाने में जमा कराई थी, और 2017 में उस केस में एफआर (Final Report) लग गई थी, लेकिन फिर भी हथियार वापस नहीं दिए गए।

बेनीवाल ने आगे कहा, "एफआर के बाद मैंने तत्कालीन जिला कलेक्टर से लाइसेंस बहाल करने की मांग की थी, लेकिन कलेक्टर ने असमर्थता जताई। इसके बाद मैंने संभागीय आयुक्त से अपील की थी, जिन्होंने करीब छह महीने पहले नागौर कलेक्टर को लाइसेंस बहाली के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।"

सांसद होने के बावजूद सुरक्षा में कमी

हनुमान बेनीवाल का कहना है कि सांसद होने के नाते उन्हें विशेषाधिकारों के तहत लाइसेंसी हथियार और रेड पासपोर्ट मिलना चाहिए, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की। उनकी सुरक्षा को लेकर क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया टीम) तैनात की गई है, लेकिन यह टीम केवल उनके नागौर प्रवास के दौरान ही सुरक्षा प्रदान करती है। जयपुर जैसे अन्य स्थानों पर उनकी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई, जिसके चलते उन्होंने अपने दोनों पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) को लौटा दिया।

इंटेलिजेंस इनपुट के बाद बढ़ी सुरक्षा

इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) से मिले इनपुट के बाद नागौर एसपी ने बेनीवाल की सुरक्षा के लिए एक क्यूआरटी टीम तैनात की थी। यह टीम केवल उनके नागौर प्रवास के दौरान सुरक्षा प्रदान करती है। इसके अलावा, नागौर एसपी नारायण टोगस ने आदेश जारी किया था कि सांसद के नागौर प्रवास के दौरान पुलिस लाइन से एक क्यूआरटी टीम को हथियारों सहित उनके निवास पर तैनात किया जाए। साथ ही, कंट्रोल रूम प्रभारी को उनके आवागमन और कार्यक्रमों के दौरान एस्कॉर्ट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे।

बेनीवाल का गुस्सा: सांसद होते हुए भी सुरक्षा में गड़बड़ी

बेनीवाल ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "अगर सरकार मुझे खतरे में मान रही है, तो मुझे सांसद होने के बावजूद सुरक्षा में गड़बड़ी क्यों हो रही है? मेरे हथियार 11 साल से थाने में जमा हैं और अब तक उन्हें वापस नहीं किया गया है।"

निष्कर्ष:

हनुमान बेनीवाल की सुरक्षा को लेकर उठाए गए सवालों ने राज्य सरकार और सुरक्षा अधिकारियों की नौकरशाही पर सवाल खड़ा किया है। लाइसेंसी हथियारों की बहाली में हो रही देरी और सांसद होने के बावजूद सुरक्षा की कमी एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में जल्द कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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