लालसोट, राजस्थान : राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट पुलिस थाना ने इंसानियत और सामाजिक सरोकार की अद्भुत मिसाल पेश की है। थाने में वर्षों से सफाई का कार्य कर रही सुनीता वाल्मीकि की तीन बेटियों की शादी से पहले पुलिसकर्मियों ने मायरा भरकर समाज को एक सशक्त और भावनात्मक संदेश दिया है।
मंगलवार शाम जब पुलिसकर्मी मायरा लेकर सुनीता के घर पहुंचे तो माहौल भावुक हो गया। सुनीता को बहन मानते हुए साड़ी उड़ाकर भात की रस्म निभाई गई और महिलाओं ने मंगल गीत गाए।
लालसोट के बड़ा मोहल्ला निवासी सुनीता देवी पिछले 22 सालों से लालसोट थाना परिसर में सफाई का कार्य कर रही हैं। उनकी बेटियों सुमन, मनीषा और सोना की शादी अखातीज के दिन, 30 अप्रैल 2025 को एक साथ तय हुई है। जब यह बात पुलिसकर्मियों को पता चली, तो उन्होंने मानवीय भावना दिखाते हुए मायरा भरने का फैसला किया।
थाना अधिकारी श्रीकिशन मीणा के नेतृत्व में लालसोट पुलिस स्टाफ ने अपने व्यक्तिगत वेतन और एसपी ऑफिस के सहयोग से मायरा भरने का सामूहिक निर्णय लिया।
पुलिस टीम सुनीता के घर पहुंची और 1 लाख 11 हजार रुपये नगद, कपड़े, साड़ी, शर्ट-पैंट और अन्य उपहार भेंट किए।
गेट पर पहुंचते ही सुनीता को बहन मानते हुए साड़ी उड़ाकर पुलिसकर्मियों ने भात की रस्म निभाई। इस दौरान महिलाओं ने मंगल गीत गाए, सुनीता की आंखों से आंसू छलक आए और पूरे मोहल्ले में इस अनूठी पहल की सराहना होने लगी। यह क्षण सिर्फ एक रस्म नहीं, इंसानियत का उत्सव बन गया।
अक्सर कठोर छवि से पहचानी जाने वाली पुलिस ने इस प्रयास से यह सिद्ध किया कि वह सिर्फ कानून की रखवाली नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने वाली संस्था भी है।
लालसोट पुलिस की यह पहल आज पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है और यह एक ऐसे समाज के निर्माण की ओर इशारा करती है जहाँ हर वर्ग के दुःख-सुख में सब साथ खड़े हों।
यह घटना साबित करती है कि इंसानियत का रिश्ता किसी औहदे या जाति-धर्म से नहीं जुड़ा होता। राजस्थान पुलिस ने इस कार्य से केवल एक परंपरा नहीं निभाई, बल्कि एक ऐसा मानवीय उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो भविष्य में कई और संस्थाओं को प्रेरित करेगा।
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