वहीं राज्य की विशेष अपराध शाखा (SOG) ने वायरल हो रहे एक दस्तावेज को झूठा बताते हुए स्पष्ट किया है कि SI भर्ती परीक्षा विश्नोई के कारण रद्द नहीं हुई थी।
हनुमान बेनीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा:
“केके विश्नोई का नाम सीधे तौर पर पेपर लीक माफिया सुरेश ढाका से जुड़ा है। सरकार ढाका को बचाने में लगी है और मंत्री स्वयं उस प्रयास का हिस्सा हैं।"
वहीं SOG जांच अधिकारी ने कहा कि जो दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें केके विश्नोई का नाम सामने आया है, वह पूरी तरह से फर्जी है। अधिकारी ने कहा:
“हमने आधिकारिक रूप से जांच में किसी भी मंत्री को नामजद नहीं किया है। SI भर्ती रद्द होने के पीछे विश्नोई का कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं मिला है।”
सुरेश ढाका को राजस्थान में पेपर लीक माफिया के तौर पर पहचाना जाता है। उस पर पहले भी कई भर्ती परीक्षा घोटालों में संलिप्तता के आरोप लग चुके हैं। SOG ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पहले भी अभियान चलाया था।
विषय | विवरण |
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विवाद | SI भर्ती पेपर लीक |
बेनीवाल का आरोप | केके विश्नोई ने माफिया को बचाया |
SOG की प्रतिक्रिया | वायरल दस्तावेज फर्जी |
आरोपित माफिया | सुरेश ढाका |
राजनीतिक माहौल | विपक्ष हमलावर, सरकार बचाव में |
इस पूरे मामले ने राजनीतिक हलकों में तूफान खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर बेनीवाल और अन्य विपक्षी दल सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं, वहीं राज्य सरकार SOG के माध्यम से अपने बचाव में उतर आई है।
SI भर्ती पेपर लीक मामला अब सिर्फ एक शैक्षणिक भ्रष्टाचार का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि गंभीर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बन चुका है। जहां बेनीवाल जैसे सांसद सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, वहीं SOG की जांच और तकनीकी रिपोर्ट ही अब इस विवाद का भविष्य तय करेंगी।
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