पढ़ाई के लिए अब स्कूल आएगा घर:राजस्थान में शुरू होंगे 100 चलते-फिरते स्कूल, एलकेजी से पांचवीं तक पढ़ाई का इंतजाम

जयपुर : अब बच्चों को स्कूल नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि स्कूल ही बच्चों के घर तक पहुंचेगा। राजस्थान सरकार जल्द ही राज्य में 100 'चलते-फिरते स्कूल' शुरू करने जा रही है, जो खासतौर पर एलकेजी से लेकर कक्षा 5वीं तक के बच्चों को शिक्षा देने के लिए तैयार किए गए हैं।


कैसा होगा चलता-फिरता स्कूल?

  • एयर कंडीशन्ड बसें होंगी जिनमें बच्चों के बैठने के लिए आरामदायक सीटें लगाई जाएंगी।

  • एक तरफ बच्चों के लिए पैसेंजर सीट, तो दूसरी तरफ ब्लैकबोर्ड और स्मार्ट क्लास की सुविधा होगी।

  • हर बस में एक प्रशिक्षित शिक्षक और सहायक स्टाफ रहेगा।

  • बसों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह एक चलती-फिरती कक्षा के रूप में काम करेंगी।

  • एक-एक बस प्रतिदिन कई बस्तियों में जाकर शैक्षिक सत्र चलाएगी।


योजना का उद्देश्य:

इस अनूठी पहल का मकसद है—

  • दूरदराज और झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराना।

  • बच्चों और अभिभावकों को स्कूल तक जाने के झंझट से मुक्ति देना।

  • स्कूल छोड़ने की दर (Dropout Rate) को कम करना।

  • प्राथमिक स्तर पर समान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना।


सरकार की मंशा और प्रारंभिक लक्ष्य:

  • योजना का पहला चरण 100 बसों के साथ शुरू किया जाएगा।

  • इन बसों को जयपुर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर और अजमेर सहित प्रमुख शहरी व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा।

  • भविष्य में जरूरत के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

  • यह पहल राजस्थान शिक्षा विभाग और यूनिसेफ जैसी संस्थाओं के सहयोग से लागू की जाएगी।


शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया:

“बच्चों को उनके ही परिवेश में, सुविधाजनक तरीके से शिक्षा देना हमारा लक्ष्य है। चलते-फिरते स्कूल बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्सुकता जगाएंगे और वे ज्यादा सहज होकर पढ़ाई कर पाएंगे।”


संभावित प्रभाव:

क्षेत्र प्रभाव
झुग्गी-बस्तियां स्कूल पहुंच नहीं होने की समस्या हल
शहरी गरीब बच्चियों की पढ़ाई में सहूलियत
दूरदराज क्षेत्र मोबाइल शिक्षा से पढ़ाई आसान
महिला शिक्षकों के लिए सुरक्षित और नियंत्रित कार्य वातावरण

 


विशेषताएं:

  • स्मार्ट लर्निंग किट

  • विजुअल और एक्टिविटी आधारित शिक्षण

  • दैनिक रूटीन और टाइमटेबल

  • GPS आधारित ट्रैकिंग सिस्टम


निष्कर्ष:

राजस्थान सरकार की यह पहल भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नवाचारपूर्ण और संवेदनशील कदम है। यह न सिर्फ बेसिक शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाएगा, बल्कि एक समावेशी और आधुनिक शिक्षण पद्धति को बढ़ावा देगा।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
भारत-फ्रांस के बीच 63,000 करोड़ रुपए में राफेल मरीन विमान डील, 26 विमान होंगे नेवी में शामिल | राजस्थान में बजरी माफिया पर बड़ी कार्रवाई: धौलपुर में 5 ट्रैक्टर-ट्राली जब्त, आरोपी खेतों में कूदकर भागे | जयपुर जामा मस्जिद के बाहर देर रात हंगामा: STF के जवान तैनात, पुलिस अलर्ट मोड पर | कर्जदारों से परेशान होकर सुसाइड किया:मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में तीन जनों के नाम, जिनसे कर्ज ले रखा था | 16 महीने में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ:सीकर में सीएम बोले- 69 हजार युवाओं को नियुक्ति-पत्र दिए, सरकार की उपलब्धियां गिनाईं | मंडावा-मुकुंदगढ़ दौरे में मुख्यमंत्री ने की जनसभाएं, ढिगाल टोल प्लाजा पर हुआ भव्य स्वागत, जिलेभर में 11 कार्यक्रमों में की शिरकत | अखिलेश यादव का सामाजिक न्याय पर फोकस: आगरा से 2027 की चुनावी रणनीति का आगाज़ | अमेरिकी उपराष्ट्रपति की सुरक्षा में लगेंगे 7-IPS समेत 2400 जवान:जयपुर के हॉस्पिटल में हर ब्लड ग्रुप के 5 यूनिट रिजर्व, मिलने वालों का कोरोना टेस्ट होगा | Rajasthan: "आपसे दोबारा कैसे बात होगी बाबा", क‍िरोड़ी लाल मीणा ने मह‍िला के हाथ पर ल‍िख द‍िया अपना मोबाइल नंबर | Rajasthan: पत्नी की डेड बॉडी को कंधे पर डालकर अस्पताल में घूमता रहा शख्स, पोछा लगाते समय लगा था करंट |