जयपुर : राजस्थान के बहुचर्चित जल जीवन मिशन में 900 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महेश जोशी को कोर्ट से आंशिक राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें पत्नी के निधन के बाद अंतिम संस्कार से जुड़े रीति-रिवाज निभाने के लिए तीन दिन की अंतरिम जमानत मंजूर की है। यह जमानत 8 से 10 मई 2025 तक प्रभावी रहेगी।
कोर्ट के आदेशानुसार, महेश जोशी को 2 मई से 7 मई तक न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद उन्हें 8 मई की सुबह अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। जमानत अवधि पूरी होने के बाद उन्हें 11 मई को सुबह 8 बजे तक स्वयं कोर्ट या संबंधित जेल में सरेंडर करना अनिवार्य होगा।
पूर्व मंत्री जोशी की पत्नी का हाल ही में निधन हो गया था। इसके बाद उनके वकीलों ने अदालत में मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि वे अंतिम संस्कार की रस्में निभाना चाहते हैं। कोर्ट ने इस याचिका को मानते हुए सीमित अवधि की राहत दी है।
गौरतलब है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा, टेंडर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। इस मामले की जांच राजस्थान ACB द्वारा की जा रही है। महेश जोशी पर आरोप है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर कई अनुचित स्वीकृतियां दिलवाईं।
जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर तक नल से जल पहुंचाना है। लेकिन राजस्थान में इस योजना में करीब 900 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आई है, जिसमें कई अधिकारी, ठेकेदार और राजनेता संदिग्ध हैं।
महेश जोशी की अंतरिम जमानत को लेकर जहां एक ओर परिजन राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में मामले को लेकर हलचल तेज हो गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में ACB की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है।
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