सीकर : राजस्थान के सीकर जिले में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। खंडेला थाना क्षेत्र में पुलिस ने लगातार दूसरे दिन छापेमारी कर कुल 55 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है, जो बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे और ईंट भट्ठों पर मजदूरी कर रहे थे।
शुक्रवार को खंडेला पुलिस ने चौकड़ी रोड स्थित एक ईंट भट्ठे पर छापा मारा, जहां से 19 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई गुरुवार को पकड़े गए 36 लोगों के बाद की गई है। पुलिस का कहना है कि ये सभी बिना वीजा-पासपोर्ट के भारत में रह रहे थे और फर्जी पहचान के सहारे काम कर रहे थे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन मजदूरों को पकड़ना आसान नहीं था। पहले भी कई बार छापेमारी की गई, लेकिन ये लोग खेतों और झाड़ियों में भाग जाते थे। पुलिस ने इस बार सूचना के आधार पर रणनीति बनाकर अचानक कार्रवाई की, जिससे 19 लोगों को मौके से पकड़ लिया गया।
जांच में सामने आया है कि स्थानीय ईंट भट्ठा मालिक ही इन अवैध प्रवासियों को काम पर रख रहे थे और उन्हें शरण दे रहे थे। अब पुलिस ऐसे मालिकों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिन्होंने इन मजदूरों को पहचान और दस्तावेजों की बिना जांच किए काम पर रखा।
खंडेला डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से फर्जी पहचान पत्र, वोटर आईडी और आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं। ये दस्तावेज स्थानीय नेटवर्क के जरिए तैयार कराए गए हो सकते हैं। अब पुलिस फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह की भी तलाश कर रही है।
बांग्लादेशी नागरिकों का इस तरह से अवैध रूप से भारत में रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें पहले ही इस मुद्दे पर सख्त रवैया अपना चुकी हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों को विदेशी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।
सीकर पुलिस की यह कार्रवाई सिर्फ अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ नहीं, बल्कि एक बड़ी अवैध मानव श्रम श्रंखला पर चोट है। अब आगे की जांच में यह स्पष्ट होगा कि किन स्थानीय लोगों और नेटवर्क्स की मदद से ये लोग इतने लंबे समय से भारत में छिपे हुए थे।
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