उदयपुर, राजस्थान : राजस्थान के उदयपुर में एक 75 साल की बुजुर्ग हथिनी इन दिनों गंभीर रूप से बीमार है। उसके पिछले पैरों में कमजोरी और संक्रमण के कारण वह जमीन पर गिर गई और खड़ी नहीं हो पा रही है। हालत इतनी नाजुक है कि उसे क्रेन की मदद से करवट दिलवाई जा रही है, ताकि शरीर में रक्त संचार बना रहे और और ज्यादा दबाव से अंगों को नुकसान न पहुंचे।
इस हथिनी के इलाज के लिए अनंत अंबानी के वनतारा वाइल्डलाइफ सेंटर (जामनगर, गुजरात) और मथुरा स्थित वन्य चिकित्सा संस्थान से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उदयपुर पहुंच चुकी है।
टीम में अनुभवी वेटरनरी डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट और एनिमल केयर स्टाफ शामिल हैं, जो हथिनी की सेहत सुधारने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं।
हथिनी की उम्र 75 साल है और उम्र के इस पड़ाव में उसका शरीर बहुत कमजोर हो चुका है। पैरों में गंभीर संक्रमण, मांसपेशियों की सख्ती और शरीर पर लंबे समय से पड़े दबाव के कारण उसकी स्थिति और जटिल हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि हर चार घंटे में उसकी करवट बदलनी जरूरी है, नहीं तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।
इस विशेष ऑपरेशन में वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और एनजीओ भी सक्रिय सहयोग कर रहे हैं। क्रेन, रस्सियां, गद्दे और सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की गई है ताकि हथिनी को कोई और नुकसान न हो।
वनतारा, रिलायंस ग्रुप द्वारा संचालित एक विश्वस्तरीय वाइल्डलाइफ रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर है, जो जामनगर, गुजरात में स्थित है। इसकी स्थापना अनंत अंबानी द्वारा की गई थी और यह संस्थान विशेष रूप से घायल या बीमार जानवरों को चिकित्सा सहायता प्रदान करता है।
उदयपुर की यह हथिनी केवल एक जानवर नहीं, बल्कि एक संवेदना और संरक्षण की पुकार है। वनतारा जैसे संस्थानों की मदद से यह प्रयास न सिर्फ एक जीवन बचाने की दिशा में है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि इंसान और जानवर के बीच की दया, करुणा और सह-अस्तित्व की भावना अभी भी जीवित है।
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