जयपुर : राजस्थान में 7 मई 2025 को एक अभूतपूर्व मॉक ड्रिल होने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य के 28 प्रमुख शहरों में ब्लैकआउट किया जाएगा और सायरन बजाए जाएंगे। यह अभ्यास युद्धकालीन परिस्थितियों में जनता को जागरूक करने और बचाव के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने शहरों को तीन संवेदनशीलता श्रेणियों में बांटा है:
कैटेगरी-A (अत्यंत संवेदनशील): कोटा और चित्तौड़गढ़ जिले का रावतभाटा, जहां परमाणु संयंत्र भी स्थित है।
कैटेगरी-B (संवेदनशील): जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर आदि।
कैटेगरी-C (सामान्य सावधानी वाले): अन्य जिला मुख्यालय और सीमावर्ती क्षेत्र।
मॉक ड्रिल के दौरान:
सभी शहरों की बिजली आंशिक रूप से काटी जाएगी।
सायरन बजाए जाएंगे — पहले सायरन से हमले की चेतावनी और दूसरे से ऑल क्लीयर सिग्नल।
सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और मुख्य बाजार इस दौरान निश्चित समय तक बंद रहेंगे।
यह पहला मौका नहीं है जब ऐसी तैयारी की जा रही है। 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में इसी तरह की ब्लैकआउट ड्रिल्स करवाई गई थीं। लेकिन 2025 में यह अभ्यास पूरे राज्य के बड़े हिस्से को शामिल करते हुए किया जा रहा है, जिससे इसकी महत्ता और गंभीरता को समझा जा सकता है।
प्रशासन और पुलिस विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे:
निर्धारित समय पर बिजली उपकरण बंद रखें
सायरन बजने पर घर के अंदर रहें
सार्वजनिक अफवाहों पर ध्यान न दें, केवल आधिकारिक सूचनाओं को ही मानें
आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सिर्फ अभ्यास नहीं, बल्कि यह संकेत भी है कि सरकार सीमावर्ती और आतंकी खतरों को लेकर गंभीर है। कोटा और रावतभाटा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी।
7 मई को होने वाली यह मॉक ड्रिल न सिर्फ एक प्रशासनिक अभ्यास है, बल्कि जनता को जागरूक और तैयार करने का प्रयास भी है। भविष्य में किसी भी आपदा या हमले की स्थिति में कम से कम जान-माल की हानि हो, यही इस कवायद का मूल उद्देश्य है।
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