जोधपुर, राजस्थान: मोबाइल सिम कार्ड की अवैध बिक्री और उनके दुरुपयोग से होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के लिए जोधपुर पुलिस ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय एवं यातायात) शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया ने मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों, उनके डीलर्स और सब-डीलर्स के लिए सख्त निषेधाज्ञा आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के तहत, डीलर्स को सिम कार्ड की बिक्री से संबंधित विस्तृत रिकॉर्ड संधारण करना अनिवार्य होगा। यह नई व्यवस्था कल, बुधवार, 11 जून, 2025 से जोधपुर में प्रभावी हो जाएगी।
पुलिस का यह कदम साइबर अपराधों और विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी में फर्जी आईडी पर लिए गए सिम कार्ड के बढ़ते इस्तेमाल को रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हाल के दिनों में, पुलिस और जांच एजेंसियों ने पाया है कि जालसाज और अपराधी अपनी पहचान छिपाने के लिए अक्सर फर्जी या निष्क्रिय आईडी पर खरीदे गए मोबाइल सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। ये सिम कार्ड ऑनलाइन धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग, फिरौती और यहां तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मामलों में भी उपयोग किए जाते हैं। इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सिम कार्ड वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना बेहद जरूरी था।
पुलिस उपायुक्त शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया द्वारा जारी निषेधाज्ञा आदेश में डीलर्स और सब-डीलर्स के लिए कई सख्त निर्देश शामिल हैं:
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि इन नए आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी डीलर या सब-डीलर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें लाइसेंस रद्द करने से लेकर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने तक के प्रावधान शामिल हो सकते हैं। यह चेतावनी दर्शाती है कि पुलिस इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी।
जोधपुर पुलिस का यह सक्रिय कदम डिजिटल अपराधों से निपटने और आम नागरिकों को धोखाधड़ी से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह उम्मीद की जा रही है कि इससे न केवल अवैध सिम कार्ड की बिक्री रुकेगी, बल्कि साइबर अपराधों की जांच में भी पुलिस को मदद मिलेगी।
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