रेलवे ने इस कदम को ट्रैवल अनुभव को बेहतर बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया है।
अब वेटिंग टिकट रखने वाले यात्रियों को ट्रेन चलने से 24 घंटे पहले ही यह सूचना मिल जाएगी कि उनकी टिकट कन्फर्म हुई या नहीं।
यदि टिकट कन्फर्म नहीं होती है, तो ऐसे यात्री अब स्लीपर या एसी कोच में यात्रा नहीं कर सकेंगे।
यह नियम जल्द ही देशभर में लागू किया जाएगा और रेलवे की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर भी इसकी अपडेटेड व्यवस्था उपलब्ध होगी।
अब तक रेलवे में अंतिम चार्ट ट्रेन चलने से करीब 4 घंटे पहले तैयार होता था। ऐसे में वेटिंग टिकट रखने वाले यात्रियों को आखिरी वक्त में ही पता चलता था कि उन्हें यात्रा की अनुमति मिलेगी या नहीं। इससे यात्रियों को मानसिक परेशानी होती थी और वैकल्पिक यात्रा योजनाएं बनाना मुश्किल होता था।
पूर्व जानकारी: यात्रियों को समय रहते पता चल जाएगा कि यात्रा की योजना आगे बढ़ानी है या नहीं।
योजना बनाने में सहूलियत: कन्फर्म नहीं होने पर यात्री वैकल्पिक यात्रा साधन चुन सकते हैं।
टिकट दलालों पर लगाम: वेटिंग टिकट को लेकर होने वाली कालाबाजारी और फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी।
पारदर्शिता बढ़ेगी: रेलवे की रिजर्वेशन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और यात्री हितैषी बनेगी।
रेलवे बोर्ड से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह नियम चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। शुरुआती चरण में कुछ प्रमुख ट्रेनों और जोनों में यह व्यवस्था लागू की जा रही है। पूरे देश में अगले कुछ महीनों में इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया जाएगा।
यदि कोई यात्री वेटिंग टिकट लेकर जबरन कोच में चढ़ता है तो उसे टीटीई द्वारा उतारा जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही बार-बार नियम तोड़ने वालों पर यात्रा प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।
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