वॉशिंगटन | टेस्ला और X (पूर्व में ट्विटर) के सीईओ इलॉन मस्क ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से हुई बहस को लेकर सार्वजनिक रूप से खेद जताया है। मस्क ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में माना कि उन्होंने ट्रम्प से जुड़े मुद्दों पर कुछ ऐसा लिख दिया, जो नहीं लिखना चाहिए था।
यह पूरा मामला तब तूल पकड़ गया, जब 7 जून को ट्रम्प ने बयान देते हुए कहा था कि "अब उनका इलॉन मस्क से कोई रिश्ता नहीं है।" इस कथन के बाद से ही दोनों दिग्गजों के बीच दरार की अटकलें तेज हो गई थीं।
मस्क ने बुधवार को X (Twitter) पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा:
"मैंने हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प के बारे में जो पोस्ट की थी, वह भावनाओं में बहकर लिखी गई थी। अब महसूस होता है कि मुझे कुछ ज्यादा ही कह जाना पड़ा। इसका मुझे अफसोस है।"
यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावी माहौल गर्म है, और टेक्नोलॉजी व बिजनेस सेक्टर से जुड़ी हस्तियों के बयानों पर खास निगरानी रखी जा रही है।
इलॉन मस्क और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहले अच्छे संबंध माने जाते थे। कई मौकों पर मस्क ने ट्रम्प की नीतियों का समर्थन किया था, खासकर टेक्नोलॉजी और व्यापार से जुड़े विषयों पर। लेकिन पिछले कुछ महीनों में दोनों के बीच राजनीतिक और वैचारिक टकराव उभर कर सामने आए हैं।
ट्रम्प ने मस्क को लेकर कहा था:
"अब मस्क से कोई रिश्ता नहीं बचा है। वे खुद को समझदार समझते हैं, लेकिन कभी-कभी वे अपनी सीमाएं भूल जाते हैं।"
इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मस्क द्वारा खेद जताना एक रणनीतिक कदम हो सकता है। इससे ना केवल उनकी सार्वजनिक छवि को सुधारने में मदद मिलेगी, बल्कि वे भविष्य में ट्रम्प समर्थक या रिपब्लिकन विचारधारा से भी खुद को अलग नहीं करना चाहते।
टेक विशेषज्ञों का कहना है कि मस्क जैसे उद्यमियों के लिए यह जरूरी है कि वे सभी राजनीतिक धड़ों से संतुलित संबंध रखें, ताकि उनके कारोबार पर किसी तरह का प्रभाव न पड़े।
इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि मस्क द्वारा माफी मांगने के बाद ट्रम्प भी नरमी दिखाएं। हालांकि, ट्रम्प की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आने वाले हफ्तों में यदि दोनों की ओर से कोई संवाद या मुलाकात होती है, तो यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह विवाद अस्थायी था या स्थायी दरार बन चुका है।
इलॉन मस्क का यह कदम यह दर्शाता है कि भले ही वे बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हों, लेकिन जब बात रिश्तों की हो, तो वे सार्वजनिक रूप से खेद जताने से भी पीछे नहीं हटते। यह घटना आने वाले चुनावी माहौल और टेक्नो-पॉलिटिक्स के समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।
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