गलता तीर्थ में 'वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान': मंत्री जोगाराम पटेल व महापौर कुसुम यादव ने किया जल पूजन व श्रमदान

जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश में जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने के उद्देश्य से शुरू किए गए ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ के तहत मंगलवार को गलता तीर्थ पर भव्य श्रमदान एवं जल पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत संसदीय कार्य मंत्री व जयपुर जिला प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल और नगर निगम हेरिटेज महापौर कुसुम यादव द्वारा विशेष पूजा-अर्चना से हुई। दोनों जनप्रतिनिधियों ने गलता कुंड की सफाई में श्रमदान करते हुए जल पूजन कर प्रदेश में अच्छी वर्षा और जल समृद्धि की कामना की।


मंत्री पटेल बोले: “जल है तो कल है”

मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि यह अभियान 5 जून गंगा दशमी से शुरू हुआ है और यह अब जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा:

“जल स्रोतों की रक्षा हमारी संस्कृति और कर्तव्य दोनों है। गलता तीर्थ जैसे पवित्र स्थलों पर श्रमदान करके हम समाज में जल संरक्षण का जागरूक संदेश दे रहे हैं।”

मंत्री ने यह भी कहा कि सभी मंत्री, विधायक, अधिकारी और नागरिक इस मुहिम से जुड़ रहे हैं और प्राचीन बावड़ियों व जलाशयों का संरक्षण एक आवश्यक कार्य बन गया है।


महापौर कुसुम यादव: “बावड़ियाँ हमारी धरोहर”

हेरिटेज महापौर कुसुम यादव ने कहा:

“जयपुर की बावड़ियाँ हमारी संस्कृति की पहचान हैं। नगर निगम इनका संरक्षण कर रहा है और जनता को भी इस कार्य में भागीदारी निभानी चाहिए।”

उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी जल स्रोत में प्लास्टिक या कचरा न फेंकें और स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।


प्रशासकीय बैठक और निरीक्षण

जल पूजन के बाद मंत्री और महापौर ने एक समीक्षा बैठक की, जिसमें जल संरक्षण कार्यों की प्रगति पर चर्चा हुई। इस बैठक में उपस्थित थे:

  • जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी

  • ग्रेटर निगम आयुक्त रुक्मणि रियाड

  • हेरिटेज आयुक्त अरुण हसीजा

  • जिला परिषद CEO प्रतिभा वर्मा
    सहित कई अन्य अधिकारी।

मंत्री पटेल ने अधिकारियों को अभियान को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।


गौ सेवा और सौंदर्यकरण कार्य

कार्यक्रम के अंत में मंत्री और महापौर ने गलता तीर्थ परिसर में गायों को गुड़ और चारा खिलाया और आमागढ़ सफारीजग्गा की बावड़ी के सौंदर्यकरण कार्यों का निरीक्षण किया।

मंत्री जोगाराम पटेल ने जग्गा की बावड़ी को संरक्षित करने के निर्देश भी दिए और इसे एक "संस्कृति-संरक्षण का प्रतीक" बताया।


निष्कर्ष

‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ जल स्रोतों की रक्षा, परंपरा के संरक्षण और समाज को जोड़ने की एक प्रेरणादायक पहल है। गलता तीर्थ जैसे स्थलों पर आयोजित कार्यक्रम न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक रूप से भी जागरूकता का केंद्र बन रहे हैं।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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