ईरान-इजराइल युद्ध की घोषणा: खामेनेई बोले- जंग शुरू, तेल अवीव पर दागीं 25 मिसाइलें

तेहरान/तेल अवीव। दुनिया एक बार फिर बड़े युद्ध की दहलीज पर खड़ी नजर आ रही है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने मंगलवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक धमाकेदार पोस्ट में लिखा:

“जंग शुरू होती है। यहूदी शासन एक आतंकी सत्ता है। हम उन पर कोई दया नहीं दिखाएंगे।”

इस बयान के चंद मिनटों के भीतर ही ईरान ने इजराइल की राजधानी तेल अवीव पर 25 मिसाइलों से हमला कर दिया।


तेल अवीव पर मिसाइल हमला: हालात तनावपूर्ण

तेल अवीव के विभिन्न इलाकों में मिसाइल गिरने की खबरें सामने आई हैं। कई जगहों पर धमाकों की आवाजें सुनी गईं, और कुछ नागरिक घायल भी हुए हैं।
इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट कर दिए हैं और कई मिसाइलों को हवा में ही इंटरसेप्ट कर गिरा दिया गया, लेकिन सभी को नहीं रोका जा सका।


खामेनेई का सख्त रुख: "यहूदी शासन को कोई दया नहीं"

खामेनेई का यह बयान इजराइल के खिलाफ अब तक का सबसे तीखा सार्वजनिक ऐलान माना जा रहा है। उन्होंने इजराइल को “आतंकी शासन” कहा और यह भी जोड़ा:

"हमारे सब्र की सीमा समाप्त हो चुकी है। अब प्रतिशोध ही एकमात्र जवाब है।"

यह पोस्ट X पर वायरल हो गई और कुछ ही मिनटों में लाखों बार देखी गई।


इजराइल की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा

इजराइल की ओर से अभी तक इस हमले पर आधिकारिक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इजराइल भी जवाबी हमले की तैयारी कर रहा है।

IDF प्रवक्ता ने बयान दिया:

"हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे। यह हमला एक युद्ध की शुरुआत का संकेत है।"


वैश्विक समुदाय में चिंता की लहर

अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना पर चिंता जताई है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने बयान में कहा:

"मध्य पूर्व में किसी भी नए युद्ध की आशंका से दुनिया पहले ही डरी हुई है। दोनों देशों को शांति और कूटनीति का मार्ग चुनना चाहिए।"


पृष्ठभूमि में तनाव की वजहें

  • गाजा पट्टी और पश्चिमी तट पर हिंसा में हालिया बढ़ोतरी।

  • इजराइल द्वारा कुछ हफ्ते पहले ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के ठिकानों को निशाना बनाना।

  • ईरान द्वारा शिया लड़ाकों को समर्थन और हथियार आपूर्ति पर इजराइल की आपत्ति।

इन सभी बातों ने हालात को विस्फोटक बना दिया है।


निष्कर्ष

ईरान और इजराइल के बीच यह टकराव केवल दो देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके वैश्विक प्रभाव पड़ सकते हैं। खामेनेई द्वारा जंग की घोषणा और उसके तुरंत बाद मिसाइल हमला — यह दर्शाता है कि अब दोनों देशों के बीच कूटनीति की बजाय सीधे सैन्य संघर्ष की स्थिति बन चुकी है।

दुनिया भर की नजरें अब इस संघर्ष की अगली कड़ी पर टिकी हैं। क्या यह एक और मध्य-पूर्व युद्ध की शुरुआत है?

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
राजस्थान के कांग्रेस नेता का पूर्व PA निकला पाकिस्तानी जासूस: सरकारी कर्मचारी शकूर खान गिरफ्तार, पाक अधिकारी और यूट्यूबर से था संपर्क | पंजाब और राजस्थान के राज्यपाल 4-5 जून को उदयपुर में: पंडित दीनदयाल उपाध्याय की हीरक जयंती समारोह में लेंगे हिस्सा | महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव अरूणा गौड़ ने थामा बीजेपी का दामन: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से हुईं प्रेरित, 200 से अधिक महिलाओं के साथ जॉइन की बीजेपी | राजस्थान राजनीति: जोधपुर में अशोक गहलोत का डोनाल्ड ट्रंप पर हमला, कहा- 'कश्मीर मुद्दे पर कोई पंचायती ना करे' | बीकानेर में गरजे पीएम मोदी: "भारत पर आतंकी हमला हुआ तो शर्तें हमारी सेनाएं तय करेंगी" | SDM पर पिस्तौल तानी, विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी बचाने की माफी में क्या है राज्यपाल की भूमिका? एक्सपर्ट से जानिए पूरा नियम | डोटासरा बोले-विधानसभा स्पीकर फाइल को घूमा रहे:कंवरलाल मीणा पर नहीं हो रहा फैसला, राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में गई थी | एमपी के मंत्री को बर्खास्त करने की मांग: कोटा में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन | ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से बमबारी:LoC के गांव खाली, बंकरों में छिपे लोग; बोले- हमारे घर तबाह हुए, लेकिन सबक सिखाया | पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर में रातभर भारी गोलीबारी, चार की मौत, 16 घायल |