जयपुर। राजस्थान में आगामी पंचायतीराज और शहरी निकाय चुनावों को देखते हुए कांग्रेस ने टिकट वितरण का नया फॉर्मूला तैयार किया है। इस फार्मूले के तहत पार्टी अब कुल टिकटों में से 50 प्रतिशत युवाओं को देगी, और इसके साथ ही स्थानीय संगठन इकाइयों की सिफारिशों को प्राथमिकता दी जाएगी।
कांग्रेस की नई रणनीति के अनुसार अब उम्मीदवार चयन में जिला, ब्लॉक और मंडल अध्यक्षों की भूमिका बढ़ा दी गई है। टिकट तय करने से पहले पार्टी हाईकमान इन संगठनों की सिफारिशों को प्रमुखता देगा।
इसके साथ ही यह निर्णय लिया गया है कि
50% टिकट 50 वर्ष से कम आयु के युवाओं को दिए जाएंगे।
सक्रिय, ज़मीनी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिलेगी।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस का यह नया टिकट वितरण फॉर्मूला जुलाई 2024 से होने वाले पंचायतीराज चुनावों से लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत पार्टी उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग से पहले स्थानीय रिपोर्ट और कार्यकर्ता की छवि का विश्लेषण करेगी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बयान में कहा कि,
“आज का युवा राजनीति में बदलाव चाहता है। हमारी कोशिश है कि उसे प्रतिनिधित्व का अवसर मिले। हम सिर्फ उम्र नहीं, कार्यक्षमता, सामाजिक जुड़ाव और संगठन के प्रति निष्ठा को भी आधार बनाएंगे।”
पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब टिकटों को लेकर "ऊपर से पैराशूट सिस्टम" कम किया जाएगा।
अब स्थानीय स्तर पर सिफारिशों और फील्ड रिपोर्ट्स के आधार पर ही उम्मीदवारों का चयन होगा।
इससे भीतरघात और असंतोष की स्थिति को रोकने की कोशिश की जा रही है।
कांग्रेस के इस नए टिकट वितरण मॉडल से न केवल युवाओं को राजनीति में आगे आने का अवसर मिलेगा, बल्कि जमीनी कार्यकर्ताओं को भी महत्व मिलेगा। अब देखना यह है कि इस नीति से पार्टी को आने वाले चुनावों में कितना राजनीतिक लाभ मिलता है।
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