राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से जुलाई 2023 में निकली महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता व एएनएम संविदा भर्ती के परिणाम पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इस भर्ती को लेकर याचिकाकर्ताओं की ओर से बोर्ड के न्यूनतम आयु वाले नियम को चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई 19 जुलाई को हुई। इसमें हाईकोर्ट के जज चंद्रशेखर व कुलदीप माथुर की खंडपीठ ने सुनवाई करते रिजल्ट रोकने पर फैसला सुनाया है।
दरअसल, इस भर्ती में सरकार ने न्यूनतम आयु की सीमा 21 साल रखी है। इसके कारण हजारों की संख्या में अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन नहीं कर पाए थे।
यह है पूरा मामला
राज्य सरकार ने 6 जुलाई 2023 को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की और से एएनम पद पर गैर अनुसूचित क्षेत्र के 1865 व अनुसूचित क्षेत्र के 193 पदाें पर भर्ती निकाली गई थी। यह कुल 2085 पद थे। इसके बाद बोर्ड की ओर से 12 जनवरी 2024 को संशोधित भर्ती की विज्ञप्ति जारी की। इसमें चिकित्सा स्वस्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के नए 1000 पदों को भी इसमें शामिल कर दिया गया। इसके बाद यह कुल पद 3085 हो गए।
इसमें सरकार ने आवेदक की न्यूनतम उम्र 21 साल का नियम किया था। जबकि राजस्थान सेवा नियम और संविधान के प्रावधानों अनुसार 18 वर्ष का व्यक्ति बालिग होता है और नौकरी करने हेतु योग्य हो जाता है। मौलिक अधिकारियों का हनन मानते हुए इस संबंध में हाईकोर्ट की शरण ली गई है। बताया गया है कि 1951और राजस्थान अधीनस्थ चिकित्सा सेवा नियम 1965 के प्रावधानों के तहत राजकीय सेवा में नियुक्ति हेतु पात्र हैं लेकिन संविदा नियमों के तहत अयोग्य है।
7 अगस्त को फिर से होगी सुनवाई
एडवोकेट यशपाल खिलेरी ने बताया कि हाईकोर्ट की वरिष्ठ न्यायाधीश चंद्रशेखर व कुलदीप माथुर की खंडपीठ ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता व एएनएम भर्ती - 2023 के 3058 संविदा पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया के अंतिम परिणाम पर अंतरिम रोक लगाई है। इस संबंध में 7 अगस्त को फिर से सुनवाई होने वाले है। इसमें सरकार न्यूनतम उम्र के नियम को लेकर सरकार से जवाब मांगा गया है।
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