नीमकाथाना। जिम्मेदारियों का बोझ परिवार पे पड़ा तो ऑटो रिक्शा, ट्रेन भी चलाने लगी बेटियां। साहस के साथ अंतरिक्ष सारा भेद डाला सुना वायुयान भी उड़ाने लगी बेटियां। कितने उदाहरण खोज कर लाऊं मैं हर क्षेत्र शक्ति आजमाने लगी बेटियां। वीर की शहादत पर अर्थी को कांधा देने अब श्मशान तक जाने लगी बेटियां। कविता की ये पंक्तियां बेटियों के जज्बे को परिलक्षित करती हैं। बेटियों ने हर क्षेत्र में अपने परचम फहराए हैं। रविवार को जारी आरजेएस परिणाम में बेटियों ने अपना परचम फहराया। टॉप दस में कुल नो बेटियों ने बाजी मारी।वहीं नीमकाथाना के निकटवर्ती ग्राम सिरोही की बेटी अन्नपूर्णा शर्मा का आरजेएस में चयन हुआ है। इन्होंने 73 वीं रैंक लाकर जिले का नाम बढ़ाया हैं। शर्मा को यह दूसरे प्रयास में सफलता मिली हैं। समय के साथ समाज में बेटे और बेटियों को लेकर परिवर्तन आया है और उसी सोच का परिणाम है कि सेवानिवृत्त तहसीलदार गजानंद लाटा ने अपनी बेटियों का अच्छी तालीम दिलवाकर अपने पैरों पर खड़ा किया है।
चाचा निरंजन लाटा ने बताया कि परिवार की दूसरी बेटी न्याय क्षेत्र में पहुंची है। अन्नपूर्णा शर्मा से बड़ी बहन करुणा शर्मा भी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पद पर कार्यरत है। सेवानिवृत्त तहसीलदार गजानंद शर्मा के छह पुत्रियां और एक पुत्र है। बड़ी बेटी वीणा शर्मा पुस्तकालय अध्यक्ष, डॉ रेणु शर्मा निदेशक मेराकी इंटरनेशनल स्कूल सीकर, अरुणा शर्मा सहायक श्रम आयुक्त, करुणा शर्मा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रेरणा शर्मा लीगल मेट्रोलॉजी ऑफिसर पद पर हैं। इनकी माता सुशीला शर्मा गृहिणी हैं पुत्रियों की शिक्षा-दीक्षा में इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
गजानंद शर्मा के 6 बेटियां है और एक बेटा हैं। वह सबसे छोटे हैं और आरएएस की तैयारी कर रहे है। अन्नपूर्णा ने अपनी शिक्षा गांव सिरोही और नीमकाथाना के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। दादा बुद्धिप्रकाश लाटा गांव के सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक थे। अन्नपूर्णा ही नहीं सभी बेटियों की शिक्षा सरकारी विद्यालय में ही हुई है।
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