कोटा-बूंदी : शहर को दुर्घटना मुक्त बनाने की दिशा में लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने एक बड़ा कदम उठाया है। अपने 5 दिन के प्रवास के दौरान बिरला ने कोटा और बूंदी के विभिन्न इलाकों में सड़क सुरक्षा की स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रमुख चौराहों और सड़कों पर जाकर सुरक्षा मानकों का जायजा लिया और अधिकारियों को सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।
लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने अपने कैंप कार्यालय में स्थानीय नागरिकों के साथ जनसुनवाई की।
लोगों ने सड़क दुर्घटनाओं, ट्रैफिक जाम, खराब सड़कों और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की समस्याएं रखीं।
बिरला ने तुरंत अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए।
ओम बिरला ने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिए:
ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और सुधार: जहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं, उन स्थानों को चिन्हित कर सुधार किया जाए।
स्पीड ब्रेकर और संकेतक: संवेदनशील इलाकों में नए स्पीड ब्रेकर और साइन बोर्ड लगाए जाएं।
सीसीटीवी कैमरे और निगरानी: दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
अत्याधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम: चौराहों पर ट्रैफिक लाइट्स और संकेतकों की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन: लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए।
कोटा के प्रमुख चौराहे: जहां अक्सर ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं होती हैं।
बूंदी का बायपास: जहां तेज रफ्तार के कारण दुर्घटनाएं आम हैं।
अंडरपास और फ्लाईओवर: जहां यातायात नियंत्रण की आवश्यकता है।
स्थानीय निवासियों ने ओम बिरला की इस पहल की सराहना की।
व्यापारियों और वाहन चालकों ने कहा कि इससे ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा।
स्कूल के बच्चों और अभिभावकों ने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
अधिकारियों ने कहा कि सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए व्यापक योजना तैयार की जा रही है।
अगले कुछ हफ्तों में ब्लैक स्पॉट्स पर सुधार कार्य शुरू हो जाएगा।
सीसीटीवी कैमरे और साइन बोर्ड लगाने का काम भी जल्द शुरू किया जाएगा।
ओम बिरला की इस पहल ने कोटा-बूंदी के नागरिकों को एक नई उम्मीद दी है। सड़क सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम अगर समय पर लागू होते हैं, तो कोटा और बूंदी को दुर्घटना मुक्त शहर बनाना कोई मुश्किल काम नहीं होगा।
कोटा-बूंदी को सुरक्षित बनाने के लिए लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला की पहल एक महत्वपूर्ण कदम है। जनता की समस्याओं को सुनना और तुरंत समाधान के निर्देश देना दर्शाता है कि सड़क सुरक्षा उनके लिए एक प्राथमिकता है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इन निर्देशों को कैसे और कितनी जल्दी अमल में लाता है।
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