विधानसभा चुनाव 2023 को अभी पांच माह का समय भी पूरा नहीं हुआ है। इन पांच माह में 12 लोकसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव की तुलना में 15.89 प्रतिशत मतदान की गिरावट हुई है, जो चिंताजनक है। अब कम मतदान प्रतिशत हर किसी के लिए सिर दर्द बन रहा। एक तरफ निर्वाचन विभाग इसको लेकर मंथन कर रहा है कि आखिर क्या कारण रहे, जिसके चलते मतदाता बूथ तक नहीं पहुंचा। वहीं, प्रत्याशी इस बात से परेशान हैं कि जो वोट नहीं पड़े। किसको नुकसान होगा। वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना करें तो वोटिंग प्रतिशत में 5.74 फीसदी की गिरावट आई है।
निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2019 में इन 12 संसदीय सीटों पर 64.02 फीसदी मतदान हुआ। जबकि इस बार 19 अप्रैल को 12 संसदीय सीटों पर मतदान घटकर 58.28 फीसदी ही रह गया। इस बार 12 सीटों पर कुल पंजीकृत 2 करोड़ 53 लाख 15 हजार 541 मतदाताओं में से 1 करोड़ 47 लाख 53 हजार 060 मतदाताओं ने मतदान केंद्र पर पहुंचकर वोटिंग की। इनमें 68 लाख 14 हजार 997 वोट महिलाओं, 77 लाख 78 हजार 928 पुरुषों और 164 वोट थर्ड जेंडर के मतदाताओं ने डाले।
विधानसभा में 74.17 फीसदी हुआ था मतदान
12 लोकसभा क्षेत्रों में शामिल 96 विधानसभा सीटों का एनालिसिस करने पर सामने आया कि पांच माह पहले विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर 74.17 फीसदी मतदान हुआ था। अब ऐसा क्या हुआ कि 12 संसदीय सीटों में शामिल 96 विधानसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत घटकर 58.28 फीसदी ही रह गया। यदि सबसे ज्यादा और सबसे कम मतदान प्रतिशत की बात करें तो सर्वाधिक 67.21 प्रतिशत मतदान गंगानगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और सबसे कम 50.02 प्रतिशत मतदान करौली-धौलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में हुआ है।
शेखावाटी में वोट करने में महिलाएं रही आगे
साल 2019 के मुकाबले महिला और पुरुष मतदाताओं के मतदान प्रतिशत का अंतर कम हुआ है। साल 2019 में यह अंतर 2.24 प्रतिशत था, जो कि 2024 के प्रथम चरण में 1.86 प्रतिशत रह गया है। सीकर, चूरू, झुंझुनूं में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रहा है। सीकर में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 56.26, जबकि महिला मतदाताओं का 58.92 फीसदी रहा। झुंझुनूं में पुरुष 51.92%, जबकि महिला मतदाता 54.03 प्रतिशत बूथ पर पहुंची। चूरू में पुरुषों का 63.51%, जबकि महिला मतदाताओं का 63.71 प्रतिशत मतदान रहा।
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